केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शासन प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए “अमृत ज्ञान कोष” पोर्टल लॉन्च किया
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शासन प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए “अमृत ज्ञान कोष” पोर्टल लॉन्च किया
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज शासन प्रशिक्षण को मजबूत करने के लिए “अमृत ज्ञान कोष” पोर्टल लॉन्च किया।
मंत्री ने स्टैनफोर्ड लीडरशिप एकेडमी फॉर डेवलपमेंट और एशियाई विकास बैंक के साथ साझेदारी में क्षमता निर्माण आयोग के तत्वावधान में आयोजित “उन्नत केस लेखन और शिक्षण कार्यशाला” का भी उद्घाटन किया। यह कार्यशाला भारत में लोक प्रशासकों के लिए शासन प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को मजबूत करने की एक ऐतिहासिक पहल है।
अपने आरंभिक वक्तव्य में डॉ. जितेंद्र सिंह ने शासन प्रशिक्षण में सिद्धांत और व्यवहार के बीच की खाई को पाटने में केस स्टडी की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने भविष्य के लोक प्रशासकों को आकार देने में केंद्रीय और राज्य प्रशिक्षण संस्थानों के संकाय सदस्यों के समर्पण की सराहना की। मंत्री ने केस लेखन और शिक्षण पद्धतियों में उन्नत कौशल के साथ शिक्षकों को सशक्त बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए इस कार्यशाला के परिवर्तनकारी परिणामों के बारे में आशा व्यक्त की।
संबोधन के दौरान, मंत्री ने क्षमता निर्माण आयोग और कर्मयोगी भारत द्वारा संयुक्त रूप से विकसित आईजीओटी प्लेटफॉर्म पर अमृत ज्ञान कोष के लिए समर्पित पोर्टल के शुभारंभ जैसे महत्वपूर्ण उपलब्धि का अनावरण किया। इस साल अगस्त में लॉन्च किया गया यह व्यापक संग्रह, जो 17 सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) में से 15 के साथ संरेखित है और स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और डिजिटल शासन जैसे विविध नीति विषयों को शामिल करता है, पूरे भारत से सर्वोत्तम प्रथाओं को एकत्रित करता है
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह संग्रह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की समावेशिता और सुगमता के माध्यम से “सरकार के समग्र दृष्टिकोण” के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है, जिसमें केस स्टडी, शिक्षण नोट्स तथा हिंदी और ब्रेल में संस्करण शामिल हैं। उन्होंने प्रतिभागियों से इस संसाधन का लाभ उठाने और संग्रह को और समृद्ध बनाने के लिए नए केस स्टडीज़ का योगदान देने का आग्रह किया।
कार्यशाला में शासन प्रशिक्षण में केस-आधारित दृष्टिकोणों के महत्व पर जोर दिया गया है। प्रतिभागी, संरचित केस स्टडी बनाना, अपनी शिक्षण विधियों को बेहतर करना और अमृत ज्ञान कोष में नई सामग्री का योगदान करना सीखेंगे। स्टैनफोर्ड लीडरशिप एकेडमी फॉर डेवलपमेंट के विशेषज्ञों के नेतृत्व में सत्र का समापन प्रकाशन योग्य केस स्टडी के निर्माण में होगा जो वास्तविक दुनिया की प्रशासनिक चुनौतियों को संबोधित करते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कठोर चयन प्रक्रिया की भी सराहना की, जिसके तहत 300 से अधिक नामांकनों में से 60 शीर्ष संकाय सदस्यों की पहचान की गई। दो-समूह कार्यशाला एक गहन प्रशिक्षण चरण की शुरुआत है, जिसके परिणाम आइजीओटी प्लेटफ़ॉर्म पर सामूहिक ज्ञान आधार में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार हैं।
मंत्री ने अमृत ज्ञान कोष के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक संग्रह से कहीं अधिक है – यह शासन प्रशिक्षण में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने का एक मंच है। क्यूरेटेड संसाधन संकाय को भारत की अनूठी प्रशासनिक चुनौतियों का समाधान करते हुए अपने शिक्षण को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने में सक्षम बनाते हैं। उन्होंने प्रतिभागियों को सीखने के अवसर को अधिकतम करने, साथियों के साथ सहयोग करने और अपने संस्थानों के साथ प्राप्त अंतर्दृष्टि को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि कार्यशाला में विकसित किए गए अभिनव केस स्टडी और शिक्षण पद्धतियां भारत में शासन प्रशिक्षण को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगी।
अपने समापन भाषण में डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यशाला के आयोजन में क्षमता निर्माण आयोग के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस पहल के परिणाम सार्वजनिक प्रशासन प्रणाली को मजबूत करने और भारत की क्षमता निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा, “यह पहल शासन मानकों को बेहतर करने और लोक प्रशासकों को सशक्त भारत 2047 के मार्ग पर चलने के लिए तैयार करने की हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता का उदाहरण है।”
उन्नत केस लेखन और शिक्षण कार्यशाला शासन में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के सरकार के व्यापक परिकल्पना का हिस्सा है। इस पहल के माध्यम से, क्षमता निर्माण आयोग का उद्देश्य शिक्षकों को सशक्त बनाना और पूरे भारत में लोक प्रशासन प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम में क्षमता निर्माण आयोग, कर्मयोगी भारत, एशियाई विकास बैंक, एशियाई विकास बैंक संस्थान और स्टैनफोर्ड लीडरशिप अकादमी फॉर डेवलपमेंट के कार्यक्रम प्रशिक्षकों ने भाग लिया।
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