छात्रों को भारत के संविधान का अध्ययन करना चाहिए : प्राचार्य दत्तात्रय जाधव
छात्रों को भारत के संविधान का अध्ययन करना चाहिए : प्राचार्य दत्तात्रय जाधव
हड़पसर, नवंबर (हड़सपर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश और भारत का संविधान दुनिया के सबसे बड़े लिखित संविधान के रूप में जाना जाता है। संविधान भारत की आत्मा व मूल है। न्याय, स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व, धर्मनिरपेक्षता, व्यक्ति की गरिमा संविधान की विशेषताएं तथा उद्देश्य हैं। छात्रों को भारत के संविधान का अध्ययन करके जागरूक नागरिक बनना चाहिए। यह प्रतिपादन साधना विद्यालय के प्राचार्य दत्तात्रय जाधव ने व्यक्त किया।
26 नवंबर संविधान दिवस के अवसर पर साधना विद्यालय व आर.आर. शिंदे जूनियर कॉलेज, हड़पसर में आयोजित कार्यक्रम में वे बोल रहे थे। सर्वप्रथम घटना के शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर की प्रतिमा का पूजन किया गया। यहां विद्यालय की उपमुख्याध्यापिका योजना निकम, पर्यवेक्षक शिवाजी मोहिते, माधुरी राऊत के साथ विद्यार्थी, शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर छात्र सोहम दुबले ने अपने विचार व्यक्त किये। विद्यालय की शिक्षिका रेशमा बोडके ने अपने भाषण में विद्यार्थियों को संविधान के बारे में जानकारी दी। वहीं गणेश निचले ने छात्रों से संविधान की प्रस्तावना से अवगत कराया।
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