चुनावी कार्यवाही का फिल्मांकन और प्रसारण किया तो होगी सख्त कार्रवाई : जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे

चुनावी कार्यवाही का फिल्मांकन और प्रसारण किया तो होगी सख्त कार्रवाई : जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे

चुनावी कार्यवाही का फिल्मांकन और प्रसारण किया तो होगी सख्त कार्रवाई : जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे

चुनावी कार्यवाही का फिल्मांकन और प्रसारण किया तो होगी सख्त कार्रवाई : जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे
भोर में चुनावी कार्यवाही का फिल्मांकन कर सोशल मीडिया पर प्रसारित करने को लेकर मामला दर्ज : चुनाव निर्णय अधिकारी डॉ. विकास खरात द्वारा जानकारी

पुणे, नवंबर (जिमाका)
भोर विधानसभा चुनाव क्षेत्र में ईवीएम व वीवीपैट के संचालन का वीडियो मोबाइल फोन पर अवैध रूप से फिल्माने और इसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने के आरोप में पुलिस ने दो उम्मीदवारों के प्रतिनिधियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उन्हें हिरासत में ले लिया है। यह जानकारी चुनाव निर्णय अधिकारी डॉ. विकास खरात ने दी है।

सरदार कान्होजी जेधे शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था, भोर में गत बुधवार (दि.13 नवंबर) को ईवीएम और वीवीपैट कमीशनिंग का काम शुरू था तब मोबाइल फोन आदि उपकरण के लिए प्रतिबंध रहने पर भी प्रत्याशी शंकर हीरामन मांडेकर के प्रतिनिधि विजय हनुमंत राऊत, नि. लवले (ता. मुलशी) और कुलदीप सुदाम कोंडे के प्रतिनिधि नारायण आनंदराव कोंडे नि. केलवडे (ता. भोर) को गैर कानूनी रूप से मोबाइल फोन लाने और मॉक पोल का फिल्मांकन कर उसे सोशल मीडिया पर प्रसारित करने से गोपनीयता का उल्लंघन किया है, इसलिए विजय हनुमंत राऊत और नारायण आनंदराव कोंडे पर 14 नवंबर को भोर पुलिस स्टेशन यहां जी.आर.नं.222/2024, बीएनएस 171(1), 223, आईटी एक्ट 72 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इन आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की है।

इस घटना की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे और जिला पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था भोर का दौरा किया और घटना की जानकारी ली।

डॉ. सुहास दिवसे, जिलाधिकारी : ईवीएम कमिशनींग, मतदान केंद्र, मत गणना केंद्र आदि स्थानों पर चुनाव प्रक्रिया के किसी भी चरण के दौरान चुनाव में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी, प्रत्याशी, मतदान प्रतिनिधि, मतगणना प्रतिनिधि, उम्मीदवार, पत्रकार आदि किसी को भी कोई भी मोबाइल, स्मार्ट वॉच, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लाना सख्त वर्जित है। साथ ही चुनावी गतिविधियों के वीडियो और तस्वीरें लेना और उन्हें विभिन्न व्हाट्सएप समूहों और सोशल मीडिया पर वितरित करना एक गंभीर अपराध है। ऐसा करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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