सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए : न्यायमूर्ति अभय सप्रे
सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए : न्यायमूर्ति अभय सप्रे
पुणे, अक्टूबर (जिमाका)
सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश अभय सप्रे ने निर्देश दिया कि सभी संबंधित एजेंसियों को सड़क सुरक्षा नियमों को सख्ती से लागू करना चाहिए और निर्दोष नागरिकों को वाहन दुर्घटनाओं में मारे जाने से रोकने के लिए एक व्यापक नीति तैयार करनी चाहिए।
वह विधान भवन में आयोजित सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में बोल रहे थे। परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार, विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंदवार, मनपा आयुक्त डॉ. राजेंद्र भोसले, कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे, पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त शेखर सिंह, विभागीय आयुक्तालय की उपायुक्त वर्षा लड्डा ऊंटवाल, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त मनोज पाटिल, अतिरिक्त परिवहन आयुक्त भरत कलसकर, पुणे क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अर्चना गायकवाड़, पिंपरी चिंचवड़ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी संदेश चव्हाण आदि उपस्थित थे।
न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा कि लापरवाही व गैरजिम्मेदाराना वाहन चालन के कारण निर्दोष नागरिकों की संख्या बढ़ रही है, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से संज्ञान लिया है कि सड़क दुर्घटनाएं कम होनी चाहिए, घायलों को तत्काल चिकित्सा मिलनी चाहिए, उपचार और पीड़ितों की संख्या कम की जानी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने समय-समय पर इसके लिए मार्गदर्शक सिद्धांत तय किए हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सड़क सुरक्षा समिति का गठन किया है। उन्होंने कहा कि यह समिति स्थायी रूप से कार्य कर रही है और सड़क सुरक्षा उपायों तथा इस संबंध में की गई कार्रवाई की जानकारी सीधे उच्चतम न्यायालय को सौंपती है।
सड़क दुर्घटनाओं में निर्दोष नागरिकों के मरने की संख्या को देखते हुए परिवहन विभाग, पुलिस विभाग एवं सभी संबंधित सरकारी एजेंसियों को सकारात्मक रूप से कार्य करना चाहिए। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का सावधानीपूर्वक निर्वहन करें और निस्वार्थ भाव से कार्य करें। आधुनिक तकनीक का प्रयोग करते हुए सड़क सुरक्षा नियमों का कड़ाई से क्रियान्वयन किया जाए। दुर्घटनाओं में पीड़ितों की संख्या कम करने के प्रयास किये जाने चाहिए। इस बैठक में दिए गए निर्देशों का सभी संबंधित एजेंसियों को सख्ती से पालन करना चाहिए।
वाहनों की संख्या में वृद्धि के कारण सड़क सुरक्षा एक गंभीर समस्या बन गई है। नागरिकों को भी स्वतःस्फूर्त होकर यातायात नियमों का पालन करना चाहिए। हाईवे पर चलने वाले वाहन अच्छी स्थिति में होने चाहिए, चालक सीट बेल्ट लगाएं, वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात न करें, तेज गति से वाहन न चलाएं, शराब पीकर वाहन न चलाएं, वाहन लाइसेंस का नवीनीकरण भी कराएं। वाहन एवं चालक सुरक्षा बीमाधारकों को समय-समय पर सड़क सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक रहना चाहिए, इसके लिए न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने सुझाव दिया कि यातायात नियमों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए।
न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने बताया कि चूंकि सड़क दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहन चालकों के पीड़ितों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसलिए चालक स्वयं और उसके यात्री को सड़क सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाले हेलमेट का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए प्रशासन को दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट अनिवार्य करना चाहिए।
परिवहन आयुक्त श्री भिमनवार ने सड़क सुरक्षा हेतु परिवहन विभाग द्वारा किये गये विभिन्न उपायों की जानकारी प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि विशेषकर मुंबई-पुणे राजमार्ग पर दुर्घटनावश होने वाली मौतों की संख्या में 30 प्रतिशत और समृद्धि महामार्ग पर 33 प्रतिशत की कमी आई है।
विभागीय आयुक्त डॉ. पुलकुंदवार ने कहा कि सभी सरकारी, अर्धसरकारी कार्यालयों, नगर निगमों, जिला परिषदों, निगमों, स्कूलों और कॉलेजों में काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए हेलमेट अनिवार्य किया जाएगा। हेलमेट का उपयोग नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। संबंधित विभाग प्रमुखों को आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे। डॉ. पुलकुंडवार ने राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों के निरीक्षण की तरह जिला और शहर निरीक्षण करने का सुझाव दिया।
सेवानिवृत्त न्यायाधीश श्री सप्रे ने पुणे क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की ओर से ‘अपघातमुक्त वारी’ अभियान के आयोजन और परिवहन विभाग द्वारा किए गए सड़क सुरक्षा उपायों के संबंध में संतुष्टि व्यक्त की।
बैठक में नांदेड़ क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी विनय अहिरे, नागपुर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी किरण बिडकर, बारामती उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुरेंद्र निकम, गोंदिया उप क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी राजेंद्र केसकर आदि मान्यवर उपस्थित थे।
Post Comment