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सरकारी कर्मचारियों को हेलमेट पहनना अनिवार्य : विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार

सरकारी कर्मचारियों को हेलमेट पहनना अनिवार्य : विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार

सरकारी कर्मचारियों को हेलमेट पहनना अनिवार्य : विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार

सरकारी कर्मचारियों को हेलमेट पहनना अनिवार्य : विभागीय आयुक्त डॉ.चंद्रकांत पुलकुंडवार
उल्लंघनकर्ताओं के विरुद्ध होगी दंडात्मक कार्रवाई; सेवा पुस्तक में भी होगी टिप्पणी

पुणे, अक्टूबर (जिमाका)
पुणे विभाग के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी कार्यालय, निगम, महानगरपालिकाएँ, नगरपालिकाएँ, नगर परिषदें, महाविद्यालय साथ ही सरकारी यंत्रणा के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों के लिए दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है। इसका सभी संबंधितों को पालन करना चाहिए। यह निर्देश विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने दिए हैं। नियमों का उल्लंघन करनेवाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरूद्ध संबंधित प्राधिकरण ने दंडात्मक कार्यवाही करके उनकी सेवा पुस्तिका में कार्रवाई भी अंकित करें। ऐसे निर्देश भी दिये हैं।

इस संबंध में परिपत्र डॉ. पुलकुंडवार ने जारी किया है। मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 के अनुसार और उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी निर्देशों के अनुसार, दोपहिया वाहन चलानेवाले दोपहिया वाहन सवार के साथ-साथ पीछे बैठनेवाले व्यक्ति को हेलमेट पहनना अनिवार्य है। मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों का पालन करना प्रत्येक सरकारी अधिकारी, कर्मचारी का कर्तव्य है।

महाराष्ट्र नागरी सेवा, 1989 (अनुशासन और अपील) के नियम 3 (1) के उप-नियम 18 और धारा 19 में सरकारी अधिकारी और कर्मचारी किसी भी कानून का, नियमों का, विनियमों का और स्थापित प्रथा के विपरीत है या हो सकता है, ऐसा कोई भी कृत्य नहीं किया जा सकता है, ऐसा उल्लेखित है। यह प्रावधान सभी के लिए बाध्यकारी है कि वह अपने कर्तव्यों के पालन में अनुशासन बनाए रखेगा और उसे बताए गए कानूनी आदेशों का पालन करने के लिए जिम्मेदार होगा।

हेलमेट का उपयोग नहीं करनेवाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विरुद्ध महाराष्ट्र सिविल सेवा (अनुशासन एवं अपील) के प्रावधानों के अनुसार संबंधित कार्यालय प्रमुख को अनुशासनात्मक प्राधिकारी के माध्यम से जुर्माना वसूली की कार्रवाई करनी चाहिए। परिपत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि इसे मूल सेवा पुस्तिका में दर्ज करने की कार्यवाही की जाये।

जीवन अनमोल है और हर जीवन को बचाना जरूरी है, इस सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को स्वयं से शुरुआत करनी चाहिए और एहतियात के तौर पर हेलमेट का उपयोग करना चाहिए तथा उसके अनुसार उपाय करने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अभय सप्रे की अध्यक्षता में विधानभवन में पुणे शहर के साथ-साथ जिले और विभाग में सड़क दुर्घटनाओं और वैकल्पिक मृत्यु को कम करने के लिए किए जानेवाले उपायों के संबंध में हाल ही में बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में भारत और महाराष्ट्र में सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित दोपहिया वाहन चालकों की दिन-ब-दिन बढ़ती संख्या पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है।

दोपहिया वाहन दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या लक्षणीय है। दोपहिया वाहन सवारों द्वारा हेलमेट का प्रयोग निश्चित रूप से दुर्घटनाओं में होनेवाली मौतों की संख्या को कम कर सकता है, ऐसा निदर्शन में लाया गया है। इसकी दखल लेते हुए वाहनचालक स्वयं एवं उसके साथ बैठे हुए व्यक्ति ने सड़क सुरक्षा मानकों की पूर्तता करनेवाले हेलमेट का प्रयोग करना चाहिए। इसके लिए प्रशासन को दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट का प्रयोग अनिवार्य करना चाहिए और यातायात नियमों के प्रति जनजागरूकता करनी चाहिए। ऐसे सख्त निर्देश न्यायमूर्ति श्री सप्रे ने परिपत्र में उल्लेख किया है।

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