स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता के राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण

स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता के राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण

स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता के राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण

स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता के राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण
शैक्षणिक वीडियो निर्माण प्रतियोगिता के सफल विजेताओं को मेधावी छात्र तैयार करने का प्रयास करना चाहिए : दीपक केसरकर

पुणे, सितंबर (जिमाका)
आज के इंटरनेट युग में ई-लर्निंग बहुत महत्वपूर्ण है और शैक्षणिक वीडियो निर्माण प्रतियोगिता के सफल विजेताओं को अच्छे छात्र बनाने के लिए इन वीडियो को ई-लर्निंग के उपकरण के रूप में उपयोग करना चाहिए। यह अपील स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने की है।

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, पुणे में आयोजित शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वीडियो निर्माण प्रतियोगिता के राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण के अवसर पर मंत्री श्री केसरकर बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की केंद्रीय संयुक्त सचिव अर्चना शर्मा-अवस्थी, स्कूल शिक्षा एवं खेल विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती आय.ए.कुंदन, स्कूल शिक्षा आयुक्त सूरज मांढरे, उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की राज्य परियोजना निदेशक श्रीमती आर विमला, राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक राहुल रेखावार एवं अन्य उपस्थित थे।

IMG-20240929-WA0402-300x200 स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर द्वारा शिक्षकों के लिए गुणवत्तापूर्ण शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता के राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण
मंत्री श्री केसरकर ने कहा, शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य मेधावी छात्र तैयार करना है। वीडियो के प्रयोग से शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने में काफी मदद मिलेगी। इस प्रतियोगिता के तहत विभिन्न जिलों में कई प्रयोग किए गए और 84 पुरस्कार दिए गए। यदि शिक्षकों के पास कंप्यूटर साक्षरता नहीं है, तो वे निरक्षर हैं, ऐसा यह युग है।

शिक्षा नीति के तहत राज्य में नया पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। इसमें व्यावसायिक शिक्षा को प्राथमिकता दी जाती है। इससे छात्रों को रोजगार पाने में मदद मिलेगी। कृषि में पढ़नेवाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी आ रही है। कृषि एक बहुत ही महत्वपूर्ण कारक है। इसे बढ़ाना जरूरी है। मेधावी छात्र-छात्राएं निर्माण कर राज्य को आगे बढ़ाना चाहिए। यह अपील उन्होंने इस अवसर पर की।
कृषि की ओर, व्यावसायिक शिक्षा की ओर नजरअंदाज करने से काम नहीं चलेगा। सरकार न्यूनतम लागत पर व्यावसायिक शिक्षा उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने प्रशिक्षित जनशक्ति प्रदान करने और प्रशिक्षित करने के लिए जर्मनी में बाडेन-वुर्टेमबर्ग राज्य के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक कुशल युवाओं को जर्मनी में नौकरी के लिए प्रयास करने चाहिए।

प्रास्ताविक में श्री रेखावार ने कहा, शैक्षणिक वीडियो निर्मिती प्रतियोगिता को राज्य में बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला। काफी देर तक चली इस प्रतियोगिता में विजेता का फैसला करना बहुत मुश्किल था। स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह प्रतियोगिता उपयोगी साबित होगी। शिक्षक और विद्यार्थी दो बिंदु हैं। इन दोनों बिंदुओं को प्रेरित करने में प्रतियोगिता बहुत महत्वपूर्ण साबित हुई।
इस अवसर पर प्रतिनिधि के रूप में विजेताओं को मंत्री श्री केसरकर के शुभ हाथों सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर यहां शिक्षा निदेशक (प्राथमिक) शरद गोसावी, बालभारती के निदेशक कृष्ण कुमार पाटिल, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षण संचालक संपत सूर्यवंश, महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के अध्यक्ष नंद कुमार बेडसे, शिक्षा निदेशक डॉ. महेश पालकर सहित राज्य से शिक्षक उपस्थित थे।

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