मजदूरों, कामगारों की न्यूनतम मजदूरी दरें बढ़ाएं : आम आदमी पार्टी प्रवक्ता मुकुंद किर्दत द्वारा मांग
मजदूरों, कामगारों की न्यूनतम मजदूरी दरें बढ़ाएं : आम आदमी पार्टी प्रवक्ता मुकुंद किर्दत द्वारा मांग
पुणे,सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पूरे देश में यह कानून है कि प्रत्येक श्रमिक को स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार और काम के साथ-साथ उसकी कुशलता के अनुसार न्यूनतम वेतन दिया जाना चाहिए। तदनुसार, न्यूनतम वेतन अधिनियम इस संदर्भ में विभिन्न राज्यों में लागू किया गया है। महाराष्ट्र में शहरी क्षेत्र में जिसमें मुख्य रूप से नगर निगम (सर्कल 1) में कुशल श्रमिक के लिए वर्तमान में न्यूनतम वेतन 14,882 रुपये तय किया गया है जबकि अर्ध-कुशल श्रमिक को 14,106 रुपये व अकुशल श्रमिक के लिए न्यूनतम वेतन 13,271 रुपये तय किया गया है।
इसमें 26 कार्य दिवस मानकर न्यूनतम मजदूरी दर शामिल है। कर्मचारी कई दिनों से इसमें बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और महाराष्ट्र सरकार ने 12 अगस्त 2024 को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है। महीनों बीत जाने के बाद भी महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। इस संबंध में आम आदमी पार्टी की ओर से निवेदन श्रम आयुक्त के माध्यम से सरकार को दिया गया है।
इस बीच दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी दरों की घोषणा की है और कुशल श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन 21,917 रुपये, अर्ध-कुशल श्रमिकों के लिए 19,929 रुपये और कुशल श्रमिकों के लिए 18,066 रुपये निर्धारित किया है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार देश में सबसे ज्यादा वेतन देती है। महाराष्ट्र के साथ राजस्थान, मध्यप्रदेश में यह दर बहुत कम है और सभी बीजेपी शासित राज्यों में मजदूरों का सबसे ज्यादा शोषण होता है। यह आरोप आप के प्रदेश प्रवक्ता मुकुंद किर्दत ने लगाया है।
आम आदमी पार्टी पुणे कामगार अघाड़ी के अध्यक्ष संजय कोणे ने मांग की है कि महाराष्ट्र सरकार को तुरंत न्यूनतम वेतन में भारी वृद्धि करनी चाहिए क्योंकि जल्द ही महाराष्ट्र में आचार संहिता लागू होनेवाली है। साथ ही प्रशासन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि संविदाकर्मियों के मामले में भी इसका सख्ती से पालन हो।
महानगरपालिका, जिला परिषद आदि स्थानों पर ठेकेदारों से भी न्यूनतम वेतन देने की अपेक्षा की जाती है। इस बारे में प्रशासन गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम कर रहा है जबकि इसकी जिम्मेदारी संबंधित विभाग पर तय की जाए और उल्लंघन होने पर कार्रवाई की जाए। महाराष्ट्र सरकार ने भी अनुबंध शिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय लिया है, जिसमें पारिश्रमिक केवल 15,000 रुपये है जो अर्ध-कुशल श्रमिक का न्यूनतम वेतन है। शिक्षा जैसा महत्वपूर्ण कार्य करनेवाले व्यक्ति का वेतन सम्मानजनक होना चाहिए। न्यूनतम मजदूरी दर को लेकर सरकार को ही जागरूक होने की जरूरत है। यह मांग आम आदमी पार्टी के राज्य प्रवक्ता मुकुंद किर्दत ने की है।
Post Comment