चुनाव प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों का अध्ययन किया जाए : मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस. चोक्कलिंगम
पुणे, सितंबर (जिमाका)
आगामी विधानसभा चुनाव के पृष्ठभूमि पर पुणे व कोकण विभाग के चुनाव निर्णय अधिकारी व सहायक चुनाव निर्णय अधिकारियों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारंभ राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी एस. चोक्कलिंगम की उपस्थिति में यशदा में शुरू किया गया। चुनाव प्रक्रिया को सुचारु रूप से सम्पन्न कराने के लिए भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों एवं नियमों का भली-भांति अध्ययन किया जाए। इस अवसर पर उन्होंने यह निर्देश दिए।
इस अवसर पर यहां भारत निर्वाचन आयोग के.एफ. विलफ्रेड, पुणे विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, जिलाधिकारी डॉ. सुहास दिवसे, उप जिला निर्वाचन अधिकारी मीनल कलसकर उपस्थित थे।
सभी को लोकतंत्र के उत्सव में खुशी-खुशी भाग लेना चाहिए और निष्पक्ष एवं तनाव मुक्त तरीके से चुनावी प्रक्रिया का संचालन करना चाहिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी चोक्कलिंगम ने कहा कि कर्मचारियों के साथ समन्वय बनाकर पारदर्शी एवं भयमुक्त वातावरण में कार्य हो, इसका ध्यान रखा जाए। प्रशिक्षण के दौरान नियमों को ध्यान से पढ़ें और शंकाओं का समाधान करें। आयोग की सभी अनुदेश पुस्तिकाओं में इसका स्पष्ट उल्लेख है और आयोग की वेबसाइट पर भी बहुत सारी जानकारी उपलब्ध है। इसके बावजूद भी आयोग हमेशा मार्गदर्शन करता रहता है।
भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करते हुए मतदान सामग्री का वितरण सहज ढंग से किया जाएगा इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है। पहले चुनाव के लिए आवश्यक सामग्री जहां से भी खरीदी जाती थी, उसे मुंबई लाया जाता था और वहां से संबंधित जिलों में वितरित किया जाता था, लेकिन इसमें होनेवाली देरी व जनशक्ति समय और ऊर्जा की देरी को देखते हुए हमने इन सामग्रियों को खरीद के स्थान से सीधे जिलों में वितरित करने का प्रयास किया है और आगे से इस पर अधिक जोर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का ध्यान रखें कि चुनाव प्रक्रिया पर खर्च सीमा के अंदर ही होगा।
डॉ. पुलकुंडवार ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करना सभी की जिम्मेदारी है। हर चुनाव का ऐसे सामना करना चाहिए जैसे कि यह पहला चुनाव हो। चुनाव का कार्य करते समय हस्तपुस्तिका (हैंडबुक) एवं मार्गदर्शिका (मैनुअल) को ध्यान से पढ़ें और सभी शंकाओं का समाधान कर लें। समय सीमा का पालन किया जाए। असामयिक भीड़ से बचने के लिए मतदाताओं को मतदाता सूची में अपना नाम खोजने में मदद करें। मतदाता जागरूकता के लिए निरंतर स्वीप गतिविधियां संचालित की जाएं। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया के संचालन के दौरान विचारों के निरंतर आदान-प्रदान को आवश्यक बताते हुए कहा, कानून के प्रावधानों का पालन करें और सोच-समझकर निर्णय लें। मतदाताओं को अधिक से अधिक सुविधाएं दी जाएं। जहां भी आवश्यक हो राजनीतिक दलों को चुनावी प्रक्रिया में शामिल करें। राज्य संविधान द्वारा दी गई चुनाव निर्णय अधिकारी के रूप में जिम्मेदारियों को ठीक से निभाए। यह अपील उन्होंने की।
जिलाधिकारी डॉ. दिवसे ने कहा कि मौजूदा चुनाव तकनीक पर आधारित हैं। इसलिए चुनावी प्रक्रिया में सटीकता महत्वपूर्ण है। चुनाव से संबंधित सभी रिकॉर्ड अब डिजिटल रूप से संग्रहीत किए जाते हैं। मतदाता सूचियों की शुद्धता महत्वपूर्ण है और इस प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से संचालित करना सभी की जिम्मेदारी है। पुणे जिले में बड़ी संख्या में मतदाता हैं। चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराते समय सभी की जिम्मेदारी और समय सीमा तय कर दी गई है। इसके लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इस प्रशिक्षण में दो विभागों के अधिकारी उपस्थित रहते हैं ताकि वे आपस में अनुभवों का आदान-प्रदान कर सकें।
प्रास्ताविक उप जिला चुनाव अधिकारी मीनल कलसकर ने किया। प्रशिक्षण में पुणे व कोकण विभाग के 12 जिले के करीब 150 अधिकारी उपस्थित थे।
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