ई-लर्निंग के कारण शिक्षा क्षेत्र में नया आयाम : श्रीरंग गोडबोले
ई-लर्निंग के कारण शिक्षा क्षेत्र में नया आयाम : श्रीरंग गोडबोले
अण्णासाहेब मगर महाविद्यालय में पुणे जिला शिक्षण मंडल के स्थापन दिन व अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर कार्यशाला
मांजरी, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
उच्च शिक्षा में छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए हमें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इसमें आधारभूत संरचना एक बड़ी चुनौती है। शिक्षा यह शिक्षक केन्द्रित के बजाय विद्यार्थी केन्द्रित होनी चाहिए। ज्ञान उन लोगों के लिए आसानी से उपलब्ध है जो प्रौद्योगिकी का प्रभावी ढंग से उपयोग करते हैं। इससे आगे ऑनलाइन शिक्षा को यानी ई-अध्ययन और अध्यापन विकल्प नहीं है। ई-लर्निंग ने शिक्षा क्षेत्र को एक नया आयाम दिया है। यह विचार प्रसिद्ध लेखक व अभिनेता श्रीरंग गोडबोले ने व्यक्त किये।
पुणे जिला शिक्षण मंडल के स्थापना दिन व अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर अण्णासाहेब मगर महाविद्यालय में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय के आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग द्वारा संयुक्त रूप से ‘ई-साहित्य सृजन व आईसीटी की प्रभावी प्रस्तुति’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस कार्यशाला का उद्घाटन प्रसिद्ध लेखक व अभिनेता श्रीरंग गोडबोले के शुभहाथों किया गया, तब वे बोल रहे थे।
यहां प्रमुख अतिथि के रूप में आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के निदेशक डॉ. विलास आढाव उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य व सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय प्रबंधन परिषद के सदस्य डॉ. नितिन घोरपडे ने की। यहां उपप्राचार्य डॉ. शुभांगी औटी, डॉ. प्रशांत मुले, प्रा.अनिल जगताप, डॉ. रमाकांत जोशी, कार्यालयीन अधीक्षक गणेश साबले आदि उपस्थित थे।
प्रमुख अतिथि आजीवन अध्ययन व विस्तार विभाग के निदेशक डॉ. विलास आढाव ने कहा कि विश्व में निरक्षरता को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है, लेकिन आज सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव के कारण सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग न करनेवाले लोग अशिक्षित होते जा रहे हैं।
कार्यक्रम का प्रास्तविक डॉ. शुभांगी औटी ने किया। अतिथिगणों का परिचय डॉ. सविता कुलकर्णी ने किया। सूत्र-संचालन प्रा. संगीता देवकर और आभार प्रदर्शन डॉ. प्रशांत मुले ने किया।
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