भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी की नींव रखने में निभाई अहम भूमिका : अतिरिक्त आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर

भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी की नींव रखने में निभाई अहम भूमिका : अतिरिक्त आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर

भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी की नींव रखने में निभाई अहम भूमिका : अतिरिक्त आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर

भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया ने इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी की नींव रखने में निभाई अहम भूमिका : अतिरिक्त आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर
पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका की ओर से अभियंता दिवस उत्साह के साथ मनाया गया

पिंपरी, सितंबर (सूचना एवं जनसंपर्क विभाग)
भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया विश्व के महानतम अभियंताओं में से एक थे। उन्होंने आधुनिक भारत के निर्माण के साथ-साथ देश में इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी की नींव रखने में भी अहम भूमिका निभाई। उनके महान कार्य से प्रेरित होकर आज के अभियंता को कला, कौशल और निपुणता के माध्यम से शहर के साथ-साथ देश को आकार देने और सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए काम करना चाहिए। यह विचार अतिरिक्त आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर ने व्यक्त करते हुए सभी अभियंताओं को अभियंता दिवस की शुभकामनाएं दीं।

पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका की ओर से भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती बड़े उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर अपर आयुक्त चंद्रकांत इंदलकर ने नगर निगम के मुख्य प्रशासनिक भवन में उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया, तब वे बोल रहे थे। इस अवसर पर मुख्य अभियंता प्रमोद ओंभासे, उपायुक्त अण्णा बोदडे, कार्यकारी अभियंता सुनील भागवाणी, जनता संपर्क अधिकारी प्रफुल्ल पुराणिक, उप अभियंता चंद्रशेखर कुर्ले, चंद्रकांत मोरे, सुनील बेलगावकर, संतोष कुदले, चंद्रकांत कुंभार, अभिमान भोसले, धनाजी नखाते, विजय कांबले, संदीप खोत, सचिन मगर, अमरजीत मस्के, संदीप वाडीले, बिपिन थोरमोटे, अमोल शेलार, महेंद्र देवरे, विनय जगताप, शरद सानप,महिला अभियंता दिपाली धेडे और विभिन्न विभाग के अभियंता व कर्मचारी उपस्थित थे।

मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया भारत के महान इंजीनियरों में से एक थे, उन्होंने आधुनिक भारत के इंजीनियरिंग विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई व इंजीनियरिंग के क्षेत्र में व्यापक रूप से शामिल थे। विश्वेश्वरैया ने देश भर में बने कई नदी बांधों और पुलों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनके महान कार्य के सम्मान में उन्हें सर्वोच्च पुरस्कार भारतरत्न से सम्मानित किया गया है। साथ ही हर साल 15 सितंबर को भारत रत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती को हर जगह इंजीनियर दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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