डीबीटी के माध्यम से 49,000 छात्रों को स्कूली सामग्री का लाभ
पिंपरी, सितंबर (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका ने छात्रों को स्कूली सामग्री के वितरण के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) पहल शुरू की। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को स्कूल की आपूर्ति से सीधे लाभ पहुंचाना है। स्कूल में उपस्थित 49,000 छात्रों को सफलतापूर्वक रेनकोट, जूते, स्कूल आपूर्ति किट वितरित करके एक महत्त्वपूर्ण चरण पार किया है। पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका के शिक्षा विभाग ने बैंक ऑफ बड़ौदा के सहयोग से डिजिटल ई-भुगतान प्रक्रिया लागू करने से सामग्री वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ पहल को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
शिक्षा विभाग के पास अभिभावकों के गलत मोबाइल नंबर और स्कूल की छुट्टियों के कारण होनेवाली देरी और विक्रेताओं की सामग्रियों की गुणवत्ता सत्यापन जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए शिक्षा विभाग इस पहल के सफल कार्यान्वयन में सक्रिय रहा है। साथ ही चल रहे त्यौहार के बाद स्कूल फिर से शुरू होने पर छात्रों को आवश्यक आकार के जूते मिले, जिसे विक्रेताओं द्वारा संबंधित विद्यालयों में वितरित कर दिये गये हैं।
वर्तमान शैक्षणिक वर्ष में ‘डीबीटी’ के सफल कार्यान्वयन ने हमें हमारे छात्रों को उच्च गुणवत्तावाली सामग्री प्रदान कर पाए हैं। ई-रुपी जैसी डिजिटल भुगतान प्रक्रियाओं से धन का कुशल उपयोग हुआ है और इसका सीधा लाभ छात्रों को हुआ है। इस वर्ष की पहल की सफलता के साथ प्रत्येक छात्र को भविष्य में भी इस तरह की पहल से लाभ होगा और हमें विश्वास है कि हम भविष्य में एक तेज और अधिक कुशल प्रक्रिया लागू करेंगे।
-शेखर सिंह, आयुक्त तथा प्रशासक, पिंपरी-चिंचवड मनपा
हमने ई-रूपी डिजिटल भुगतान प्रक्रिया का उपयोग करके निधि का कुशलतापूर्वक उपयोग किया है। इसके साथ ही अभिभावकों और छात्रों के लिए पूरी भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। हम विक्रेताओं के वर्गीकरण, गुणवत्तावाले उत्पादों के सत्यापन जैसी हमारे सामने आनेवाली चुनौतियों पर काबू पाकर छात्रों को मूल्यवान शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। हम भविष्य में डीबीटी पहल में एक तेज़ और अधिक कुशल प्रक्रिया लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
– प्रदीप जांभले-पाटिल, अतिरिक्त आयुक्त,
पिंपरी-चिंचवड मनपा
शैक्षिक रूप से ‘डीबीटी’ पहल को लागू करते समय हमें जिन बाधाओं का सामना करना पड़ा, उनसे इस पहल की बारीकियों को स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। इससे हमें अगले शैक्षणिक वर्ष में ‘डीबीटी’ गतिविधियों को जल्दी और सफलतापूर्वक लागू करने में मदद मिलेगी। जिन अभिभावकों या छात्रों को सामग्री की गुणवत्ता से संबंधित समस्या है, वे संबंधित स्कूल को आवश्यक वस्तु के बारे में सूचित करके सामग्री को बदल सकते हैं।
– विजय थोरात, सहायक आयुक्त, शिक्षा विभाग,
पिंपरी-चिंचवड मनपा
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