युवा महोत्सव युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रेरणादायक : रानकवि जगदीप वनशिव
तलेगांव ढमढेरे महाविद्यालय में ‘इंद्रधनुष्य युवक महोत्सव’ का आयोजन
तलेगांव ढमढेरे, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
प्रसिद्ध कवि जगदीप वनशिव ने कहा कि युवा महोत्सव कॉलेज जीवन में युवाओं के समग्र विकास के लिए प्रेरणादायक है।
तलेगांव ढमढेरे, शिरूर में शिक्षण प्रसारक मंडल द्वारा संचालित साहेबराव शंकरराव ढमढेरे कॉलेज के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर सांस्कृतिक विभाग द्वारा इंद्रधनुष नामक सात दिवसीय युवा उत्सव का आयोजन किया गया है। इस महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर रानकवि वनशिव ने मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही। समारोह की अध्यक्षता शिक्षण प्रसारक मंडल और विद्या सहकारी बैंक, पुणे के वर्तमान निदेशक महेशबापू ढमढेरे ने की। इस अवसर पर कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पराग चौधरी, सांस्कृतिक विभागाध्यक्ष एवं महोत्सव के संयोजक डॉ. दत्तात्रेय वेबले और अन्य उपस्थित थे।
श्री वनशिव ने आगे कहा कि वर्तमान एक असहज दौर से गुजर रहा है। आज का कॉलेज युवा कई समस्याओं और डिप्रेशन से ग्रस्त है। ऐसे में उन्होंने बताया कि युवाओं को प्रेरित करने और उनके वैचारिक ढांचे के निर्माण के लिए इंद्रधनुष जैसी सांस्कृतिक गतिविधियां निश्चित रूप से सराहनीय हैं। युवाओं की नई पीढ़ी काफी समझदार है और उन्हें सही दिशा देना जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि इस युवा शक्ति का सही उपयोग किया जाए तो समाज का भविष्य उज्ज्वल होना तय है।
वनशिव ने कहा कि मराठी भाषा समृद्ध और सांस्कृतिक विरासत से परिपूर्ण है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी गौरवशाली मराठी भाषा को अभिजात भाषा का दर्जा मिलना जरूरी है।
अपने अध्यक्षीय संदेश को व्यक्त करते हुए महेशबापू ढमढेरे ने महाविद्यालय की रजत जयंती प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। शिक्षण प्रसारक मंडल, एक संगठन ने शिरूर जैसे कभी ग्रामीण और सूखाग्रस्त क्षेत्रों के किसानों, मजदूरों, वंचितों, बहुजन और श्रमिक वर्ग के बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए इस इलाके में एक कॉलेज की स्थापना की। पच्चीस वर्षों के दौरान, हजारों छात्र स्नातक हुए। महेशबापू ने कहा कि शिक्षा प्रसारण मंडल परिवार को इस पर गर्व है। महेशबापू ढमढेरे ने यह भी कहा कि संस्थान की भविष्य में कई योजनाएं हैं और वह साहेबराव शंकरराव ढमढेरे कॉलेज में उच्च शिक्षा में विभिन्न पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर उन्होंने यह आशा भी व्यक्त की कि आज के अशांत और गतिशील युग में युवाओं को व्यसनों से दूर रहना चाहिए, अपने माता-पिता और शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए और अनुशासन को जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने इंद्रधनुष युवा महोत्सव के माध्यम से युवाओं की छिपी प्रतिभा को निखारने के प्रयास की भी सराहना की।
महाविद्यालय के प्राचार्य एवं रेनबो यूथ फेस्टिवल की संकल्पना डॉ. पराग चौधरी ने इस मौके पर महोत्सव के आयोजन के पीछे की भूमिका भी बताई। महाविद्यालय ने इंद्रधनुष सांस्कृतिक महोत्सव के माध्यम से छात्रों की विभिन्न प्रतिभाओं को एक उचित मंच प्रदान किया है। इस अवसर पर प्राचार्य चौधरी ने अधिक से अधिक युवाओं से इसका लाभ उठाने की अपील की। प्राचार्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि कॉलेज जल्द ही सांस्कृतिक उत्सव की तर्ज पर एक खेल उत्सव का आयोजन करेगा।
कॉलेज में 26 से 31 अगस्त तक चलने वाले इस युवा महोत्सव में रंगोली, फोटोग्राफी, भारतीय संगीत वाद्ययंत्र, नृत्य, नकल, वकृत्व, निबंध, मेहंदी, गायन, चित्रकला, वाद-विवाद और क्विज जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। महेशबापू ढमढेरे और प्राचार्य पराग चौधरी ने अधिक से अधिक युवाओं से इस प्रतियोगिता में भाग लेने और अपनी छिपी प्रतिभा को मंच पर लाने की अपील की।
सांस्कृतिक विभाग के प्रमुख दत्तात्रेय वाबले ने उद्घाटन समारोह का स्वागत किया और गणमान्य व्यक्तियों का परिचय दिया। डॉ. दत्तात्रेय करांडे ने सूत्र-संचालन किया। यहां प्रोफेसर डॉ. संदीप सांगले उपस्थित थे, जबकि डॉ. पद्माकर गोरे ने आभार प्रदर्शन किया।
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