ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में हर्षोल्लास से मनाया गया ‘ग्रंथपाल दिवस’

ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में हर्षोल्लास से मनाया गया ‘ग्रंथपाल दिवस’

ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में हर्षोल्लास से मनाया गया ‘ग्रंथपाल दिवस’

कोंढवा, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
भारत में एक गणितज्ञ और ग्रंथपाल के रूप में डॉ. एस.आर. रंगनाथन को दूर-दूर तक जाना जाता है। उनका जन्म 1892 को हुआ था। पुस्तकालय विज्ञान के उनके पांच नियम और उन्हें कोलन वर्गीकरण प्रलेखन और सूचना विज्ञान का जनक माना जाता है। यह विचार ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ. शरद कांदे ने व्यक्त किए।

ट्रिनिटी पॉलिटेक्निक में ग्रंथपाल दिवस हर्षोल्लास से मनाया गया, तब उपस्थितों को संबोधित करते हुए वे बोल रहे थे। इस अवसर पर यहां संस्था के संस्थापक श्री कल्याणराव जाधव, संकुल संचालक समीर कल्ला, विभाग प्रमुख प्रा. शीतल इंगोले, प्रा. योगिता जाधव, प्रा.सचिन घुगे प्रा. वैभव पोमन, सुहास बोंबले, प्रा.अमोल गायकवाड प्रा. आशीष मोडक, अविनाश वाघमारे व अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

इस अवसर पर कंप्यूटर विभाग के सभी विद्यार्थियों ने स्वस्फूर्त भागीदारी के साथ रंगनाथन जयंती मनाई। इसमें उनकी कक्षा अध्यापिका धनश्री शिंदे के मार्गदर्शन में कार्यक्रम की रूपरेखा तय की गई।

डॉ.एस.आर. रंगनाथन की जयंती के अवसर पर छात्र पीयूष गांधी ने पीपीटी प्रेजेंटेशन के माध्यम से रंगनाथन की जीवनी प्रस्तुत की। साथ ही इस अवसर पर एक खेल का भी आयोजन किया गया, जिसमें उपस्थित सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से पढ़ी गई पुस्तक के विषय को पांच मिनट में लिखने को कहा गया। सर्वश्रेष्ठ लेखन के लिए विजेताओं की घोषणा की गई। हिरल आडेसरा (एसवाई सीओ) और ग्रंथपाल स्वाति मते की लेखनी को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए प्राचार्य डॉ. एस. एस. कांदे के शुभ हाथों पुरस्कार दिए गए।

छात्रा असावरी शिंदे ने सभी के समक्ष डॉ. एस. आर. रंगनाथन के कार्यों की समीक्षा की।श्रेया सूर्यवंशी ने रंगोली के माध्यम से डॉ. एस. आर. रंगनाथन की तस्वीर साकार की। साथ ही हर्ष कदम और पीयूष कांबले ने भी कार्यक्रम में बहुमूल्य सहयोग प्रदान किया।

कार्यक्रम का सूत्र-संचालन छात्रा सिमीन मुलानी और आभार प्रदर्शन छात्र यश दाते ने किया।

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