महाराष्ट्र सरकार द्वारा विज्ञापन वितरण में ‘क’ श्रेणी के छोटे अखबारों के साथ किए जा रहे अन्याय के खिलाफ मंत्रालय के सामने किया जाएगा आमरण अनशन!
महाराष्ट्र राज्य वृत्तपत्र संपादक सहकारी संघ द्वारा सरकार को चेतावनी
फलटण, अगस्त (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
महाराष्ट्र सरकार द्वारा विज्ञापन वितरण में ‘क’ श्रेणी के छोटे अखबारों के साथ लगातार अन्याय कर रही है। हाल ही में शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजना’ और सरकार के विभिन्न विभागों के विज्ञापन से छोटे समाचारपत्रों को भी बाहर रखा गया है। सरकार इस पक्षपातपूर्ण रुख को बंद कर देती है और विज्ञापन वितरण सूची में ‘क’ श्रेणी के सभी छोटे समाचारपत्रों को विशेष अभियान विज्ञापन 25 अगस्त तक वितरित नहीं होती है तो वे इसके बाद कभी भी मंत्रालय के समक्ष आमरण अनशन किया जाएगा। यह चेतावनी महाराष्ट्र राज्य वृत्तपत्र संपादक सहकारी संघ ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को निवेदन के माध्यम से दी है।
यदि लघु समाचारपत्रों के प्रति यह अन्याय 25 अगस्त 2024 तक दूर नहीं हुआ तो उसके बाद किसी भी समय लघु वृत्तपत्र संघटना के प्रमुख श्री रवींद्र बेडकिहाल, फलटण (उम्र 81), श्री कृष्णा शेवडीकर नांदेड (उम्र 71), श्री रमेश खोत, जालना (उम्र 75), श्री प्रकाश कुलथे, श्री ईश्वरचंद्र गुप्ता (अंबेजोगाई), श्री अरुण मोरे (जलगांव), उत्तम वाडकर (सिंधुदुर्ग), ईश्वरसिंह सेंगर (ओरोस), किसन भाऊ हासे (संगमनेर), श्री विशाल शहा (फलटण), श्री बापूराव जगताप (फलटण), एडवोकेट रोहित अहिवले (फलटण), श्री रोहित वाकडे (फलटण), श्री प्रसन्न रुद्रभटे (फलटण) उनके साथ कई बुजुर्ग और युवा संपादक 25 अगस्त 2024 के बाद कभी भी मंत्रालय के सामने भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। यह निवेदन में स्पष्ट किया गया है।
मुख्यमंत्री को दिए गए निवेदन में उल्लिखित किया गया है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर ‘लाडकी बहिण योजना’ के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन प्रकाशित के संबंध में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने ‘199 करोड़ रुपए प्रचार अभियान की मीडिया योजना में 15 अगस्त 2024 के सरकारी निर्णय के अनुसार, प्रिंट मीडिया (विज्ञापन शाखा) ने समाचारपत्र प्रमुख के तहत राज्य में केवल बड़े और मध्यम श्रेणी के चयनित मराठी दैनिकों के लिए 4 करोड़ रुपये का आवंटन किया और इसका विज्ञापन वितरण भी शुरू कर दिया है।
इसमें से प्रदेश के ‘क’ श्रेणी के दैनिक एवं साप्ताहिक समाचारपत्रों के छोटे समाचार पत्रों को जानबूझकर बाहर कर उनके साथ बहुत बड़ा अन्याय किया गया है। ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहीण योजना’ का ग्रामीण क्षेत्रों में लघु समाचार पत्रों के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। चूंकि यह योजना जैसी सभी पात्र बहनों पर लागू है (केवल चयनित बहनों के लिए नहीं) वैसे ही इसका प्रचार-प्रसार केवल चयनित अखबारों के बजाय सभी समाचारपत्रों के माध्यम से किया जाना चाहिए, इसलिए तत्काल आपके 15 अगस्त 2024 के उक्त सरकारी निर्णय को संशोधित किया जाना चाहिए और उसमें छोटे समाचारपत्रों ‘क’ श्रेणी के छोटे समाचारपत्रों को सरकारी दर पर विज्ञापन देने के लिए माननीय प्रधान सचिव, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को तुरंत आदेश दिया जाना चाहिए।
सरकार द्वारा लगातार विज्ञापन वितरण में छोटे समाचारपत्रों के साथ लगातार अन्याय हो रहा है और सरकार द्वारा ही स्वीकृत की गई विज्ञापन वितरण नीति के प्रावधानों को लागू नहीं किया जाता है। ‘क’ श्रेणी छोटे समाचारपत्रों के प्रति यह अन्याय दूर नहीं किया गया तो सभी छोटे समाचारपत्र ऐसी पक्षपाती सरकार के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे और इसके दुष्परिणाम समाचारपत्रों पर के माध्यम से सामने आने लगेंगे। निश्चित ही इसका असर जनमानस पर अवश्य पड़ेगा, मुख्यमंत्री को इस बात पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए। ऐसा निवेदन में उल्लेख किया गया है।
इस अनशन को महाराष्ट्र पत्रकार कल्याण निधी (फलटण), महाराष्ट्र राज्य वृत्तपत्र संपादक संघ (पुणे), बृहन्महाराष्ट्र जिला वृत्तपत्र संपादक संघ (नांदेड), महाराष्ट्र राज्य मराठी पत्रकार संघ (यवतमाल), एसोसिएशन ऑफ स्मॉल एंड मीडियम न्यूज पेपर्स एडिटर (पुणे), महाराष्ट्र राज्य संपादक व पत्रकार सेवा संघ (मुंबई), सातारा जिला वृत्तपत्र संपादक संघ (सातारा), फलटण तालुका वृत्तपत्र संपादक संघ (फलटण) के साथ विभिन्न पत्रकार संगठनों ने इन मांगों और संभावित अनशन को समर्थन दिया है।
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