विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेनेवाले एसईबीसी श्रेणी के छात्रों को जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए अब छह महीने की समय सीमा
मराठा छात्रों के हित में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिया निर्णय
मुंबई, जुलाई (महासंवाद)
अभियांत्रिकी,चिकित्सा और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए वर्ष 2024-25 में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश पानेवाले छात्रों को जाति वैधता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए आवेदन की तारीख से छह महीने की अवधि बढ़ाने का निर्णय मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लिया है। अत: अब विशेषकर मराठा समुदाय के विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र प्राप्त करने में आनेवाली कठिनाइयाँ दूर हो जायेंगी।
राज्य में 20 फरवरी 2024 को एक विशेष सत्र में महाराष्ट्र राज्य में सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण अधिनियम (एसईबीसी) 2024 को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। इस अधिनियम के अनुसार राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश तथा सरकारी एवं अर्ध-सरकारी नौकरियों में सीधी सेवा भर्ती पदों पर 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। इससे मुख्य रूप से मराठा समुदाय को फायदा हुआ है।
एसईबीसी अधिनियम का लाभ लेनेवाले छात्रों को जाति वैधता प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। इसके चलते एसईबीसी छात्र जाति वैधता प्रमाण पत्र जमा करने की मोहलत की मांग कर रहे थे। इस मांग पर सकारात्मक विचार करते हुए वैधता प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने के बाद प्रमाण पत्र जमा करने की समय सीमा छह महीने तक बढ़ाने का निर्णय मुख्यमंत्री शिंदे ने लिया है।
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