पारंपरिक बलुतेदार कारीगरों से ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ का लाभ उठाने की अपील

पारंपरिक बलुतेदार कारीगरों से ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ का लाभ उठाने की अपील

पारंपरिक बलुतेदार कारीगरों से ‘प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना’ का लाभ उठाने की अपील

पुणे, जून (जिमाका)
केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग ने पारंपरिक काम करनेवाले बलुतेदार कारीगरों के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है और जिले के बलूतेदार कारीगरों को इस योजना का लाभ उठाना चाहिए। यह अपील जिला ग्रामोद्योग कार्यालय ने की है।

ग्रामीण और शहरी पारंपरिक बलुतेदार कारीगरों के लिए उद्योग को स्थिर करना, उन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर वित्तीय सहायता, नाममुद्रा प्रचार (ब्रांड प्रमोशन) और बाजार से जुड़ाव के लिए (बाजार लिंकेज) एक मंच बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय द्वारा प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना शुरू की है।

इस योजना के तहत व्यवसाय शुरू करने के लिए पारंपरिक बलुतेदार कारीगरों को 5 प्रतिशत ब्याज दर पर 3 लाख तक का ऋण दो चरणों में उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण लेनेवाले कारीगरों को 5 दिवसीय बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिवसीय कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण अवधि के दौरान प्रतिदिन 500 रुपये का विद्या वेतन दिया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद प्रमाणपत्र के साथ-साथ पहचान पत्र भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण पूरा करनेवाले कारीगरों को टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये के रसीदें भी (वाउचर) दिए जाएंगे।

बढ़ई, लोहार, सोनार (आभूषण कारीगर), कुम्हार, नाई, माली (फूल कारीगर), धोबी, मूर्तिकार, टोकरी बनानेवाले, झाड़ू बनानेवाले, बांस बनानेवाले, दर्जी, राजमिस्त्री, चर्मकार, बंदूक बनानेवाले, नाव बनानेवाले, उपकरण बनानेवाले, खिलौने बनानेवाले, ताला बनानेवाले, बुनाई का काम करनेवाले आदि पारंपरिक कारीगरों को इस योजना में शामिल किया गया है।

उक्त योजना पूरी तरह से ऑनलाइन लागू की जा रही है और लाभार्थियों का पंजीकरण आवश्यक है। लाभार्थी का पंजीकरण सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग की वेबसाइट, सामान्य सुविधा केंद्र (सीएससी) सेंटर पर और आपले सरकार सेवा केंद्र पर निःशुल्क करने की सुविधा की गई है। लाभार्थी पंजीकरण के लिए आधार, पैन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, बैंक पासबुक, आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबर जैसे दस्तावेजों की आवश्यकता है।

लाभ सीधे लाभार्थी के खाते में जमा किया जाएगा। योजना को लागू करने के लिए किसी तीसरे पक्ष या मध्यस्थ निकाय को नियुक्त नहीं किया गया है। लाभार्थियों को किसी भी मध्यस्थ की चाल या लालच में नहीं फंसना चाहिए और उसके साथ वित्तीय लेनदेन नहीं करना चाहिए। ऐसे में शीघ्र वित्तीय लाभ का लालच दिखाकर धोखाधड़ी करने पर पूरी जिम्मेदारी लाभार्थी की होगी।
अधिक जानकारी के लिए महाराष्ट्र राज्य खादी और ग्रामोद्योग मंडल, 24 ब, पुराना पुणे-मुंबई रोड, सरकारी दूध डेयरी के सामने, पुणे-3 या ई- मेल पता dviopune@rediffmail.com पर संपर्क किया जाए। यह जानकारी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी सतीश खरात ने दी है।

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