June 15, 2025

निर्वाचन आयोग के अनुसार लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में लगभग 61 दशमलव 45 प्रतिशत हुआ मतदान

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Election Commission of India

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में आज रात 8:30 बजे तक लगभग 61 दशमलव 72 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। इस चरण में दस राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 93 लोकसभा सीटों पर मतदान हुआ। देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी के बावजूद सभी वर्गों के मतदाताओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और मतदान काफी हद तक शांतिपूर्ण रहा।

असम में रात साढे आठ बजे तक 75 दशमलव 30 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई। वहीं, बिहार में 56 दशमलव 55 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 67 दशमलव 16 प्रतिशत, दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव में 65 दशमलव 23 प्रतिशत मतदान हुआ। गोवा में 74 दशमलव 47 प्रतिशत, गुजरात में 56 दशमलव 88 प्रतिशत, कर्नाटक में 68 दशमलव 71 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में 63 दशमलव 36 प्रतिशत, महाराष्ट्र में 55 दशमलव 21 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 57 दशमलव 34 प्रतिशत और पश्चिम बंगाल में 73 दशमलव 93 प्रतिशत मतदान हुआ।

    निर्वाचन आयोग के अनुसार गुजरात की 25, कर्नाटक की 14, महाराष्ट्र की 11, उत्तर प्रदेश की 10, मध्य प्रदेश की नौ, छत्तीसगढ़ की सात, बिहार की पांच, असम और पश्चिम बंगाल की चार-चार, गोवा, दादरा, नगर हवेली और दमन में दो-दो सीटों पर मतदान हुआ।

तीसरे चरण के समापन के साथ, आम चुनाव 2024 के लिए 20 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और 283 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान समाप्त हो गया है। इस चरण में कुल 1331 उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे।

तीसरे चरण में भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह, मनसुख मांडविया, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रल्हाद जोशी, शिवराज सिंह चौहान और बसवराज बोम्मई, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, समाजवादी पार्टी नेता डिंपल यादव, एनसीपी (शरद पवार गुट) नेता सुप्रिया सुले सहित प्रमुख उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है।

इस चरण में 23 देशों के 75 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने मतदान प्रक्रिया देखने के लिए छह राज्यों के कई मतदान केंद्रों का दौरा किया। प्रतिनिधियों ने मतदान टीमों को मतदान सामग्री और मशीनें भेजने की प्रक्रिया भी देखी और परिमाण, पारदर्शिता और सबसे महत्वपूर्ण रूप से मतदाताओं के उत्सव में भाग लेने की सराहना की।

    तीनों चरणों में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मतदान सुचारू और शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ, जिसमें देश का पूरा पूर्वोत्तर हिस्सा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्र शामिल थे।

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