डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार, सामाजिक परिवर्तन के विचार : डॉ. दत्तात्रय गायकवाड
पुणे, अप्रैल (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क)
सामाजिक परिवर्तन के लिए भारत रत्न डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर के विचार बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने खून की एक भी बूंद बहाए बिना और हिंसा को कोई स्थान दिए बिना हजारों वर्षों की गुलामी को समाप्त कर दिया। संविधान ने प्रत्येक भारतीय को मनुष्य के रूप में जीने के लिए समानता, स्वतंत्रता, न्याय और बंधुत्व का मूल अधिकार दिया है। यह विचार केन्द्रीय जल एवं विद्युत अनुसंधान संशोधन के सेवानिवृत्त निदेशक एवं वरिष्ठ वक्ता डॉ. दत्तात्रय गायकवाड़ ने रविवार (14 अप्रैल) को व्यक्त किए।
भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर की जयंती के अवसर पर महावितरण व महापारेषण की उत्सव समिति द्वारा रास्तापेठ में आयोजित कार्यक्रम में डॉ. दत्तात्रय गायकवाड बोल रहे थे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता महावितरण के पुणे प्रादेशिक संचालक श्री अंकुश नाले ने की। प्रमुख अतिथि के रूप में महावितरण के मुख्य अभियंता श्री राजेंद्र पवार, ‘यशदा’ के संशोधन अधिकारी डॉ. बबन जोगदंड, महाव्यवस्थापक श्री राजेंद्र गायकवाड (महापारेषण, मुंबई), अधीक्षक अभियंता श्री अरविंद बुलबुले व श्री विट्ठल भुजबल उपस्थित थे। इस अवसर पर अतिथियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए व डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर द्वारा दिए गए एक विद्वान और विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ के रूप में राष्ट्र निर्माण में अपने ऐतिहासिक योगदान के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध चित्रकार श्री सिद्धार्थ धिवर का शॉल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया। डॉ. दत्तात्रय गायकवाड द्वारा लिखित ‘डॉ. बाबा साहेब अम्बेडकर चिंतन : आशय और विमर्श’ की हिंदी अनुवादित पुस्तक का विमोचन गणमान्य अतिथियों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का परिचय श्री शिवलिंग बोरे ने किया जबकि श्री बाबासाहब शिंदे ने संचालन एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महावितरण और महापारेषण के इंजीनियर, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे। आयोजना के लिए सभी कर्मचारी संगठनों की संयुक्त उत्सव समिति ने पहल की।
यह जानकारी पुणे महावितरण कंपनी के उपमुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री निशिकांत राऊत द्वारा दी गई है।
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