डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन ने नई दिल्ली स्थित संसद भवन के लॉन में डॉ. अंबेडकर की 134वीं जयंती मनाई
संसद भवन के लॉन में बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के पास सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) ने 14 अप्रैल, 2024 को डॉ. अंबेडकर की 134वीं जयंती मनाई।
डॉ. अंबेडकर जयंती कार्यक्रम की शुरुआत सुबह राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष, अन्य मंत्रियों, सांसदों और कई अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा बाबा साहेब को पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई।
संसद भवन के लॉन में आयोजित कार्यक्रम जनता के लिए भी खुला था ताकि आमजन बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर की आदमकद प्रतिमा के चरणों में अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित कर सके। प्रतिवर्ष डॉ. अंबेडकर जयंती, भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) द्वारा मनाई जाती है। यह दूरदर्शी, समाज सुधारक, न्यायविद्, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ डॉ. बीआर अंबेडकर की 134वीं जयंती मनाने के लिए किया गया। डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और हाशिए पर रहने वाले समुदायों के हितों की वकालत की, सामाजिक न्याय, समानता और लोकतंत्र पर उनके विचार आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं।
डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) ने बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित करते समय अनुयायियों की वस्तुओं को सुरक्षित रखने के लिए एक स्टॉल भी लगाया। 25 बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बौद्ध मंत्रोच्चार किया गया। इस अवसर पर गीत एवं नाटक प्रभाग के कलाकारों ने बाबा साहब डॉ. अंबेडकर को समर्पित गीतों की प्रस्तुति दी।
अंबेडकर जयंती के उत्सव के दौरान, हजारों लोग संसद भवन के लॉन में बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने आए, इस कार्यक्रम में डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के सचिव श्री सौरभ गर्ग, सदस्य सचिव, श्री प्रभात कुमार सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 134वीं जयंती का भव्य उत्सव डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन के साथ-साथ मंत्रालय के अधिकारियों/कर्मचारियों के प्रयासों के कारण सफल रहा।
डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन
बाबासाहेब डॉ. बी.आर. अंबेडकर के आदर्शों और विचारधाराओं का प्रचार-प्रसार करने के लिए बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर की जन्म शताब्दी समारोह समिति का गठन 1991 में किया गया था और इसकी अध्यक्षता भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री ने की थी। इस समिति ने 24 मार्च 1992 को, डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) की स्थापना का निर्णय लिया। डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन, की स्थापना अखिल भारतीय स्तर पर बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के आदर्शों और विचारों को कार्यक्रमों एवं गतिविधियों के माध्यम से प्रसारित करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तत्वावधान में एक स्वायत्त निकाय, डॉ. अंबेडकर फाउंडेशन (डीएएफ) की स्थापना की गई थी।
डॉ. अंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक, बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर, जो एक प्रसिद्ध समाज सुधारक, वक्ता, विपुल लेखक, इतिहासकार, न्यायविद्, मानवविज्ञानी और राजनीतिज्ञ थे, के जीवन, कार्य और योगदान को संरक्षित करने एवं प्रदर्शित करने के लिए समर्पित है। डीएएनएम संग्रहालय में डॉ. अंबेडकर के जीवन से संबंधित व्यक्तिगत सामान, तस्वीरें, पत्र और दस्तावेजों का संग्रह है, जिसमें उनकी शिक्षा, सामाजिक सुधार आंदोलन और राजनीतिक करियर शामिल हैं। उनके भाषणों और साक्षात्कारों को ऑडियो-विजुअल रूप में भी प्रदर्शित किया गया है।
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