भारतीय वायु सेना ने डिजिलॉकर एकीकरण के साथ डिजिटल परिवर्तन की शुरुआत की
भारतीय वायु सेना ने 26 अप्रैल, 2024 को डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक प्रमुख पहल, डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म के साथ एकीकरण करके एक परिवर्तनकारी डिजिटल यात्रा शुरू की। वायु मुख्यालय, वायु भवन में आयोजित एक औपचारिक कार्यक्रम में, भारतीय वायु सेना और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने डिजिलॉकर की सुरक्षित और सुलभ दस्तावेज़ रिपॉजिटरी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
यह प्रमुख एकीकरण, सेवारत और सेवानिवृत्त दोनों तरह के वायु सेना कर्मियों के महत्वपूर्ण सेवा दस्तावेजों को डिजिटल रूप से जारी, प्राप्त करने और सत्यापित करने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके, वायु सेना डेटा सुरक्षा, परिचालन दक्षता और सूचना तक निर्बाध पहुंच के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करती है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
• अधिकृत वायु सेना के विभाग और डिवीजन अब सुरक्षित भंडारण व आसान पहुंच सुनिश्चित करते हुए राष्ट्रीय डिजिलॉकर रिपॉजिटरी में डिजिटल रिकॉर्ड, प्रमाण पत्र और महत्वपूर्ण दस्तावेज अपलोड करने में सक्षम होंगे।
• वायुसेना अधिकारियों के पास अपने व्यक्तिगत डिजिलॉकर वॉलेट के माध्यम से सेवा प्रमाणपत्र (सीओएस) और सर्विस बुक ऑफिसर (एसबीओ) जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों तक सीधी पहुंच होगी, जिससे सुविधाजनक पुनर्प्राप्ति और सत्यापन सक्षम होगा।
• भारतीय वायुसेना के भीतर, डिजिलॉकर के साथ एकीकरण विभिन्न प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा, जिसमें अग्निवीर वायु भर्ती भी शामिल है, जहां उम्मीदवार के शैक्षणिक दस्तावेज सत्यापन डिजिटल रूप से करने से पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी।
• समझौता ज्ञापन पर वायु सेना के सहायक प्रमुख (पीओ) एयर वाइस मार्शल फिलिप थॉमस, और एनईजीडी, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौदयोगिकी मंत्रालय के अध्यक्ष और सीईओ श्री आकाश त्रिपाठी, के बीच हस्ताक्षर किए गए, जो डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक सहयोगात्मक प्रयास को चिह्नित करता है।
इस अवसर पर बोलते हुए, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव श्री एस कृष्णन ने इस पहल को “भारत की डिजिटल परिवर्तन यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण, नागरिकों और सशस्त्र बलों के तकनीकी सशक्तिकरण के द्वारा शासन को प्रेरित करने” के रूप में सराहना की।
269 मिलियन से अधिक पंजीकृत उपयोगकर्ताओं और 6.73 बिलियन जारी किए गए दस्तावेजों के साथ, डिजिलॉकर तेजी से डिजिटल दस्तावेज़ विनिमय मंच के लिए एक राष्ट्रीय मानक के रूप में उभर रहा है।
डिजिलॉकर के साथ भारतीय वायुसेना का एकीकरण देश के तकनीकी कौशल और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के प्रयासों के अनुरूप व्यापक डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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