‘महामानव विश्वकाव्य दर्शन काव्यसंग्रह’ निर्मिती के लिए साहित्य भेजने हेतु बार्टी द्वारा अपील

‘महामानव विश्वकाव्य दर्शन काव्यसंग्रह’ निर्मिती के लिए साहित्य भेजने हेतु बार्टी द्वारा अपील

‘महामानव विश्वकाव्य दर्शन काव्यसंग्रह’ निर्मिती के लिए साहित्य भेजने हेतु बार्टी द्वारा अपील

पुणे, अप्रैल (जिमाका)
भारतरत्न डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर पर ‘महामानव विश्वकाव्य दर्शन काव्यसंग्रह’ निर्मिती के लिए विभिन्न भाषाओं के साहित्यकारों को अपनी रचनाएँ कविता के रूप में 31 मई तक भेजने की अपील डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्था (बार्टी) के महासंचालक सुनील वारे द्वारा की गई है।

डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर के विचारों का प्रभाव जिस तरह सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र पर पड़ा वैसे ही साहित्यिक क्षेत्र पर भी पड़ा है। प्रारंभिक काल में राज्य के साहित्यिकों ने कविता, कहानी, नाटक, आत्मकथा आदि के रूप में बड़ी मात्रा में साहित्य का सृजन किया है। वहीं, अन्य भाषाई राज्यों में भी विभिन्न भाषाओं और बोलियों में हाल के दिनों में बड़ी मात्रा में साहित्य का सृजन हुआ है। यह विचार आम आदमी तक पहुंचाने के लिए कवि, गायक, शाहिर, साहित्यिक, कलाकारों का एक बड़ा योगदान है।

इन सभी के योगदान को ध्यान में रखते हुए उनके द्वारा लिखित कविता, गज़ल, अभंग, अखंड, ओवी, छक्कड, शाहिरी, रुबाया, हायकू, चारोळी, भारुड, पोवाडा, लोकगीत आदि सभी प्रकार की कविताओं को बड़े पैमाने पर संकलन एवं एकीकृत करके ‘महामानव विश्वकाव्य दर्शन’ काव्यसंग्रह संपादित करके ग्रंथरूप में प्रकाशित करने का प्रस्ताव है।

यदि साहित्यकारों ने इसके लिए विभिन्न भाषाओं में काव्य रचना तैयार की है तो उसकी प्रति डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर अनुसंधान और प्रशिक्षण संस्था (बार्टी), 28 क्वीन गार्डन, पुणे-411001 के पते पर या vishwakavyabarti@gmail.com इस ई-मेल पर या 9404999452 वाट्सएप नंबर पर 31 मई तक भेजें। सभी को इसमें भाग लेना चाहिए। यह अपील बार्टी की ओर से की गई है।

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