सरकार ने उज्ज्वला योजना के अंतर्गत सब्सिडी को एक और साल तक जारी रखने की मंजूरी दी
सरकार ने 31 मार्च 2025 तक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों के लिए प्रति सिलेण्डर तीन सौ रूपए की लक्षित सब्सिडी जारी रखने की मंजूरी दी है। नई दिल्ली में आज मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि 10 करोड से अधिक लाभार्थियों को उनके खातों में सीधे सब्सिडी का लाभ मिलेगा। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए कुल व्यय 12 हजार करोड रूपए का होगा।
केंद्र ने 10 हजार तीन सौ 71 करोड रूपए के बजट आवंटन के साथ राष्ट्रीय स्तर के व्यापक भारत एआई मिशन की भी स्वीकृति दी है। इस मिशन का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में रणनीतिक कार्यक्रमों और साझेदारियों के माध्यम से एआई नवाचार को प्रोत्साहित करने वाला एक व्यापक पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है। इसका कार्यान्वयन डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के अंतर्गत भारत एआई स्वतंत्र व्यापार प्रभाग द्वारा किया जाएगा। श्री गोयल ने कहा कि भारत एआई नवाचार केंद्र एआई पारिस्थितिकी केंद्र को गति देने के लिए पूरे देश में स्थापित किए जाएंगे। भारत एआई मिशन देश की प्रौद्योगिकी सम्प्रभुता को सुनिश्चित करने के लिए स्वदेशी क्षमताओं का निर्माण करने के साथ नवाचार को बढावा देगा। यह देश के लोगों के लिए अत्यधिक कुशल रोजगार के अवसर सृजित करेगा। भारत एआई मिशन भारत को विश्व के समक्ष अपनी क्षमता प्रदर्शित करने का एक अवसर प्रदान करेगा कि कैसे परिवर्तनकारी प्रौद्योगिकी का प्रयोग सामाजिक हित और इसकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढाने में किया जा सकता है।
मंत्रीमंडल ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए महंगाई भत्ते और पेंशन भोगियों के लिए महंगाई राहत की एक अतिरिक्त किस्त देने की भी अनुमति दी है। सरकार ने पहली जनवरी 2024 से मूल्य वृद्धि की क्षतिपूर्ति के लिए मूल वेतन/पेंशन के 46 प्रतिशत की मौजूदा दर पर 4 प्रतिशत तक वृद्धि करने की स्वीकृति दी है। महगाई भत्ते और महंगाई राहत दोनों को मिलाकर राजकोष पर वर्ष में 12 हजार आठ सौ 68 करोड का बोझ बढेगा। इससे केंद्र सरकार के लगभग 49 लाख 18 हजार कर्मचारियों और 67 लाख 95 हजार पेंशन भोगियों को लाभ होगा।
मंत्रिमण्डल ने उत्तर पूर्व परिवर्तनकारी औद्योगीकरण योजना-2024 (उन्नति 2024) के लिए प्रतिबद्ध देनदारियों के आठ वर्षों के साथ-साथ अधिसूचना की तारीख से 10 वर्षों के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। 10 हजार करोड रूपए उद्योग और सेवा क्षेत्र को बढावा देने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर खर्च किए जाएंगे।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डल समिति ने 2024-25 के लिए कच्चे जूट के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की स्वीकृति दी है। कच्चे जूट का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 के लिए प्रति क्विंटल पांच हजार तीन सौ 35 रुपए तय कर दिया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें प्रति क्विंटल दो सौ 85 रुपए की वृद्धि की गई है।
मंत्रिमण्डल ने गोवा के विधानसभा क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व के पुनर्समायोजन विधेयक, 2024 को पेश करने को स्वीकृति दे दी है। यह विधेयक गोवा में अनुसूचित जनजातियों के संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है। यह विधेयक जनगणना आयुक्त को उन जनजातियों की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए गोवा में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या का पता लगाने और निर्धारित करने का अधिकार देता है। जनगणना 2001 के आंकडे जारी होने के बाद इन्हें अनुसूचित जनजाति घोषित किया गया है। यह चुनाव आयोग को गोवा की विधान सभा में अनुसूचित जनजातियों को उचित प्रतिनिधित्व देने संबंधी संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन आदेश, 2008 में आवश्यक संशोधन करने का अधिकार देता है।
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