महिलाओं को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं देने का डॉक्टरों ने लिया संकल्प : डॉ. गणेश राख
बेटी बचाओ आंदोलन के जनक डॉ. गणेश राख का बांग्लादेश में डॉक्टरों सहित महिलाओं ने किया भव्य स्वागत
हड़पसर, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
बेटी बचाओ जन आंदोलन में बांग्लादेश में डॉक्टरों सहित महिलाएं भी बढ़-चढ़ कर शामिल हुई थीं। मल्लिक डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ-साथ लोहागरा अल्लार्डन हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक सेंटर, नोरेल फातिमा हॉस्पिटल की ओर से डॉ. गणेश राख का बेटी बचाओ जन आंदोलन को आगे बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी रखेंगे। डॉ. एस.एम.सज्जाद रहमान, डॉ. मा़फुज़पर, डॉ. कायेस अल आज़ाद, डॉ. बाबुल हसन, बिपिन कुमार मलिक, एस. एम. इब्राहिम हुसैन, एम.एम. जहांगीर आलम, एस. एम. सिराजुल इस्लाम और चिंटू बिश्वास ने लड़कियों के लिए इलाज में छूट की घोषणा इस अवसर पर की। यह जानकारी बेटी बचाओ आंदोलन के जनक डॉ. गणेश राख ने अपने बांग्लादेश दौरे के संबंध में अपने अनुभव बताते हुए दी।
मल्लिक डायग्नोस्टिक सेंटर, नाराई, खुलना (बांग्लादेश) की ओर से बेटी बचाओ आंदोलन के जनक डॉ. गणेश राख को आमंत्रित किया गया था। हिदिया (जिला जेसोर) गांव में आयोजित की गई जनजागरूकता रैली में महिलाओं और लड़कियों ने हाथों में बेटी बचाओ का बैनर लेकर जागरूकता फैलाई। इस समय डॉ. राख से मिलने के लिए व हर कोई अपने मोबाइल फोन में तस्वीरें कैद करने के लिए दौड़ रहा था।
आइए लड़की-लड़का का भेदभाव खत्म करें…
लड़की-लड़का का भेदभाव को खत्म कर समानता लाने के लिए एक कदम आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाए। अब भ्रूणहत्या जैसी घटनाएं अब न हों, इसके लिए हमारी ओर से निश्चित प्रयास होंगे। यह विश्वास एसोसिएशन की विभागीय परिषद की सदस्या डॉ. एम. डी. तारिकुल इस्लाम ने व्यक्त किया।
बांग्लादेश में महिलाओं पर पुरुष हावी..
बांग्लादेश के डॉक्टरों ने बताया कि बांग्लादेश में पुरुष महिलाओं पर हावी रहते हैं। कई जगहों पर महिलाओं का शोषण हो रहा है। यहां बाल विवाह की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है। लड़कियों के जन्म के बाद मृत्यु दर भी अधिक है, इसलिए यहां के सामाजिक संगठनों को बेटी बचाओ में भाग लेने की आवश्यकता है।
बेटी बचाओ जन आंदोलन भारत तक ही सीमित नहीं था। अब यह दुनिया के हर कोने तक पहुंच चुका है। उनसे प्रेरणा लेकर हम बांग्लादेश में भी लड़कियों को मुफ्त और कम लागत में इलाज उपलब्ध कराकर लड़कियों के जन्म का स्वागत करेंगे। इन शब्दों में अपनी भावना क्लीनिक एंड डायग्नोस्टिक ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद गाजी मिजदानूर रहमान ने व्यक्त की।
बालिकाओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए समाज में जागरूकता की आवश्यकता है। अब कन्या भ्रूणों की हत्या नहीं की जाएगी, जन्म का स्वागत किया जाएगा, उनका समर्थन करने हेतु प्रसव के दौरान खर्च नहीं लिया जाएगा, यह संकल्प लिया गया है। यह जानकारी डॉ. कायेस अल आझाद ने दी।
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