बेटियां सीख रही हैं और हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं : डॉ. नीलम गोर्हे

बेटियां सीख रही हैं और हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं : डॉ. नीलम गोर्हे

बेटियां सीख रही हैं और हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं : डॉ. नीलम गोर्हे

एमआईटी एडीटी द्वारा वीमेन ऑफ अचीवमेंट अवार्ड्स का किया गया वितरण

लोनी कालभोर, मार्च (हड़पसर एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क)
महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। बेटियां आज सीख रही हैं और हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। इसके बावजूद कई तालुकाओं में लड़कियों की संख्या अभी भी कम है। इसके अलावा, महिलाओं को अभी भी कार्यस्थल पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। एक महिला दूसरी महिला की आसानी से सराहना नहीं करती, इसलिए आज मैं सभी से कहना चाहती हूं कि महिलाओं को एक-दूसरे की खूब सराहना करनी चाहिए। यह अपील महाराष्ट्र विधानसभा की उपाध्यक्ष डॉ. नीलम गोर्हे ने की।

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एमआईटी यूनिवर्सिटी ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कार्यक्रम और इस अवसर पर आयोजित वीमेन ऑफ अचीवमेंट अवार्ड्स के वितरण में वे बोल रही थीं। इस अवसर पर मुंबई आयकर आयुक्त डॉ. पल्लवी दराडे, एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुनीता मंगेश कराड, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रामचंद्र पुजेरी, रजिस्ट्रार डॉ. महेश चोपड़े, कार्यक्रम समन्वयक डॉ. नचिकेत ठाकुर, डॉ. सपना देव, डॉ. अतुल पाटिल व अन्य प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

डॉ. नीलम गोर्हे ने आगे बोलते हुए कहा कि सिर्फ महिला दिवस पर ही नहीं बल्कि हर दिन पुरुषों को महिलाओं की तारीफ करनी चाहिए, दुर्भाग्य से आज भी कई चुटकुले महिलाओं पर आधारित होते हैं, इसलिए समाज की मानसिकता भी बदलनी चाहिए। उस मानसिकता को बदलने और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय द्वारा किया गया कार्य उल्लेखनीय है।
मुंबई आयकर आयुक्त डॉ. पल्लवी दराडे ने इस अवसर पर कहा कि जैसा कि कई विद्वानों ने कहा है, अगर एक महिला सीखती है, तो वह दो परिवारों को बचाती है, इसलिए अभिभावकों को लड़कियों को पढ़ाने में लापरवाही से बचना चाहिए। एक शिक्षित महिला के लिए अच्छी नौकरी पाना और पैसा कमाना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

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कार्यक्रम की अध्यक्ष एमआईटी एडीटी विश्वविद्यालय की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुनीता कराड ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले सात सालों से हर साल हम विश्वविद्यालय में महिला दिवस के मौके पर एक अलग तरह की ऊर्जा का अनुभव करते हैं। महिला सशक्तिकरण के लिए एमआईटी एडीटी के द्वारा जारी कार्यों के बारे में सभी को जानकारी दी। इस मौके पर उन्होंने पुरस्कार विजेता महिलाओं की सराहना भी की।
इस वर्ष भी रंगोली प्रतियोगिता, रील मेकिंग प्रतियोगिता, महिलाओं के लिए कानूनी सलाह और परामर्श जैसी गतिविधियों के माध्यम से महिला दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना से हुई और समापन पसायदान से हुआ।

महिलाओं का सम्मान
एमआईटी एडीटी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी ढंग से कार्य करनेवाली महिलाओं को पुरस्कृत किया गया, जिसमें प्लास्टिक सर्जन डॉ. उज्ज्वला दहीफले, कैन बायोसिस की प्रबंध निदेशक संदीपा कानिटकर, कमानी ट्यूब की प्रमुख डॉ. कल्पना सरोज, कुल डि ग्लोब की संस्थापक प्राची शेवगांवकर, इंडिया ऑपरेशन की उपाध्यक्ष नेत्रा वालावलकर, बैंक ऑफ महाराष्ट्र की मुख्य प्रबंधक सोनी ठाकुर, वैज्ञानिक श्रीजा जयंत, बाल कल्याण समिति की प्रमुख डॉ. रानी खेड़ीकर, एमआईटी एडीटी यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ.सुजाता घोडके, तृप्ति जलगांवकर शामिल थीं।

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