बाल पालन-पोषण योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों ने सटीक आवेदन पत्र भरने की अपील
पुणे, मार्च (जिमाका)
महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले बाल पालन-पोषण योजना के तहत अनाथ, बेसहारा, निराश्रित, कैदियों के बच्चे, असाध्य रूप से बीमार अभिभावकों के बच्चे, भिखारियों के बच्चे, कोरोना संक्रमण के कारण एक अभिभावक या दोनों अभिभावक की हानि के कारण अनाथ हुए बच्चों को लाभ दिया जाता है। इस योजना का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों से सटीक आवेदन पत्र भरने की अपील महिला एवं बाल विकास आयुक्तालय ने की है।
क्रांतिज्योति सावित्रीबाई फुले बाल पालन -पोषण योजना के माध्यम से बालकों को संस्थाओं के बजाय वैकल्पिक परिवार उपलब्ध करके बच्चों को पारिवारिक वातावरण में पुनर्वास करने का प्रयास विभाग द्वारा किया जाता है। राज्य के सभी जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारियों से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 73 हजार 89 बच्चों की जानकारी आयुक्तालय स्तर पर प्राप्त की गई। इसके अनुसार इन बच्चों को प्रारंभ में आयुक्तालय स्तर से प्रायोगिक तौर पर राशि का भुगतान किया गया, लेकिन किसी कारण से लाभार्थियों के खाते में राशि जमा नहीं हो सकी है।
बैंक का आईएफएसी कोड अंकित नहीं है या गलत है, खाता संख्या में अंकित 0 (शून्य) संख्या के स्थान पर ‘ओ’ गलत अंकित होना, खाता संख्या के आरंभ में अंकित 0 एक्सेल शीट से अपने आप हट जाना, बैंक खाते का केवाईसी नहीं किया गया है, पिछले कई महीनों से बैंक खाते में कोई वित्तीय लेन-देन न होने के चलते बैंक द्वारा खाता बंद किया गया है, उल्लेखित नाम में वर्तनी की त्रुटियां हैं तथा खाता संख्या गलत अंकित है आदि कारणों से लाभार्थियों के खाते में राशि जमा नहीं हो पा रही है, यह पाया गया है।
कुछ बैंक बंद हो गए हैं और उस बैंक का अन्य बैंकों में विलय हो गया है, इसलिए पहले बताए गए आईएफएसी कोड के कारण लाभ राशि जमा नहीं हो पाई है, इसलिए जिन बच्चों के खातों में लाभ राशि जमा नहीं हो पा रही है, ऐसे बच्चों की लाभ राशि जमा नहीं होने के कारणों का पता लगाया जा रहा है और उसका निराकरण कर दोबारा राशि जमा करायी जा रही है। इसके अनुसार अब तक 72 हजार 5 लाभार्थियों के खाते में 16 करोड़ 20 लाख रुपयों की निधि जमा करने की सुनिश्चिति जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के स्तर से की गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से इस मामले में कोई देरी नहीं हुई है। इसके अलावा केंद्र सरकार के मिशन वात्सल्य योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए प्रायोजन, प्रति माता-पिता और देखभाल सेवाओं की योजना के तहत स्वीकृत निधि में से कोरोना संक्रमण के कारण दोनों अभिभावकों या एक अभिभावक को खो देनेवाले कुल 10 हजार 290 लाभार्थियों को नौ माह के लिए हर एक को 2 हजार 900 रुपये के अनुसार 26 करोड़ 86 लाख रुपये की निधि जमा हुई है। यह जानकारी महिला एवं बाल विकास उपायुक्त (बाल विकास) राहुल मोरे द्वारा दी गई है।
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