उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अटल संस्कृति गौरव पुरस्कार का किया वितरण

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अटल संस्कृति गौरव पुरस्कार का किया वितरण

उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा अटल संस्कृति गौरव पुरस्कार का किया वितरण

पुणे, दिसंबर (जिमाका)
अटल संस्कृति गौरव पुरस्कार के माध्यम से देश का नाम रोशन करनेवाली शख्सियतों को सम्मानित किया गया है और इस पुरस्कार समारोह के माध्यम से भारतरत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों और शब्दों को हमेशा याद रखा जाएगा। यह विचार उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने व्यक्त किये।
श्री फडणवीस द्वारा वरिष्ठ गायिका पद्मविभूषण डॉ. प्रभा अत्रे को 2022 के लिए और उद्यमी डॉ. प्रमोद चौधरी को 2023 के लिए संस्कृति प्रतिष्ठान की ओर से दिया जानेवाला अटल संस्कृति गौरव पुस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस पुरस्कार वितरण समारोह में वे बोल रहे थे। कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल, सांसद प्रकाश जावडेकर, विधायक चंद्रशेखर बावनकुले, विद्यावाचस्पती शंकर अभ्यंकर, पद्मविभूषण डॉ.रघुनाथ माशेलकर, पद्मभूषण डॉ. शां.ब. मुजुमदार, वरिष्ठ पत्रकार विजय कुवलेकर, संस्कृति प्रतिष्ठान के अध्यक्ष मुरलीधर मोहोल आदि उपस्थित थे।

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अटलजी के नाम का पुरस्कार पानेवाले निपुण व्यक्तित्व कार्यक्रम में उपस्थित हैं ऐसा बताते हुए उपमुख्यमंत्री श्री फड़णवीस ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने देश की परमाणु क्षमता स्थापित करने के लिए बिना किसी दबाव के परमाणु विस्फोट की अनुमति दी। उन्होंने यह सोचकर परमाणु विस्फोट किया कि शक्तिशाली राष्ट्र शांति स्थापित कर सकते हैं। उसके बाद कई देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद उन्होंने दुनिया को अपनी ओर झुकाने का काम किया। उनके स्वभाव की यही दृढ़ता उनकी कविता में भी उजागर होती है।

स्व.अटलजी ने देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया
अटलजी को अर्थशास्त्र की अच्छी समझ थी। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामसड़क योजना शुरू की। उन्होंने सही मायनों में नव भारत की शुरुआत की। उन्होंने स्वर्णिम चतुर्भुज के माध्यम से देश को एक सूत्र में बांधने का काम किया। निराशा से उबरकर संघर्ष करके कैसे आगे बढ़ा जाए, इसकी प्रेरणा उनके शब्दों से मिलती है।

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प्रभाताई की वाणी में नादब्रह्म की अनुभूति
कुछ व्यक्तित्व इतने बड़े होते हैं कि उनका वर्णन करने के लिए शब्द भी पर्याप्त नहीं होते हैं। ऐसा बताते हुए श्री फड़णवीस ने कहा कि प्रभाताई ने संगीत की सेवा करते हुए भारतीय शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाने और नए गायकों को तैयार करने का काम किया है। प्रभाताई की आवाज ही आम आदमी को सृजन की लय और ध्वनि का अहसास कराती है। उनकी पुस्तक ‘एनलाइटनिंग द लिसनर’ का प्रकाशन स्व. अटलजी ने ही किया था। न केवल गायन के माध्यम से, बल्कि लेखन के माध्यम से भी उन्होंने संगीत को सभी तक पहुंचाया। इन्हें पुरस्कार देने से पुरस्कार का कद बढ़ गया है, ऐसे शब्दों में उपमुख्यमंत्री फड़णवीस ने वरिष्ठ गायिका प्रभा अत्रे के कार्यों की सराहना की।

डॉ. चौधरी महाराष्ट्र के बेटा होने पर गर्व
स्व.अटलजी इथेनॉल के महत्व को पहचाननेवाले पहले व्यक्ति थे और भारत की इथेनॉल, जैव ईंधन नीति बनानेवाले पहले व्यक्ति थे। इस नीति को सही मायने में लागू करने का काम डॉ. प्रमोद चौधरी के प्राज उद्योग ने किया। इससे देश को बहुत फायदा हुआ है। आज महाराष्ट्र में चीनी मिलें इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं। उन्होंने इसकी तकनीक बनाने का काम किया। आज कई इथेनॉल उत्पादक संस्थाएं आगे आ रही हैं, उनका आधार डॉ. चौधरी का काम है। उन्हें महाराष्ट्र का बेटा होने पर गर्व है। ऐसी सराहना फडणवीस ने की।

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मंत्री श्री पाटिल ने कहा कि प्रभाताई के शास्त्रीय संगीत गायन के युवा भाव आज भी उनके चेहरे पर दिखाई देते हैं, यही उनकी साधना की ताकत है। डॉ. चौधरी के काम से ईंधन आयात पर खर्च होनेवाली काफी विदेशी मुद्रा की बचत हुई है। इन दोनों का काम बहुत महान है। इन शब्दों में उन्होंने दोनों पुरस्कार विजेताओं के कार्यों की सराहना की।

वरिष्ठ गायिका प्रभा अत्रे ने कहा कि भले ही स्वास्थ्य ठीक नहीं फिर भी वाजपेयी का आशीर्वाद पीठ पर होना चाहिए इसलिए पुरस्कार समारोह में उपस्थित हो सकी हूं। उनके जैसे कवि-विचारक, देशभक्त अधिकारी के नाम ने पुरस्कार का कद बढ़ा दिया है।
इस अवसर पर डॉ. चौधरी ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। अटल बिहारी बाजपेयी ने स्वदेशी ईंधन होने के कारण इसे प्रोत्साहित किया था, इसलिए उनके नाम पर पुरस्कार मिलना अच्छी बात है।

श्री मोहोल ने प्रास्ताविक में अटल संस्कृति गौरव पुरस्कार के पीछे की अवधारणा प्रस्तुत की। स्व.अटल बिहारी वाजपेयी और पुणे का रिश्ता अलग था। उनकी स्मृति को जतन करने के लिए उनके नाम पर एक पुरस्कार शुरू किया गया। अटलजी नेे जिस क्षेत्र में काम किया, उस क्षेत्र के लोगों को इस मौके पर सम्मानित किया जा रहा है।

कार्यक्रम से पहले श्री फड़णवीस ने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित ‘अटल पर्व’ प्रदर्शनी का अवलोकन किया। इस कार्यक्रम में पूर्व राज्यमंत्री दिलीप कांबले, विधायक सुनील कांबले, भीमराव तापकीर, पद्मश्री मनोज जोशी, अभिनेत्री मृणाल देव कुलकर्णी, धीरज घाटे, राजेश पांडे, हेमंत रासने आदि उपस्थित थे।

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